चौ. मनफूल सिंह चाहर का जन्म 1921 में हरियाणा के झज्जर कस्बे के पास सिलानी गांव में हुआ था। हरियाणा विधानसभा के पूर्व विधायक और पूर्व उपाध्यक्ष भी थे।
1 नवंबर 1966 को हरियाणा को अलग राज्य का दर्जा मिलने के तुरंत बाद, उन्होंने 1967 में कुछ महीनों के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष का प्रभार भी संभाला। मनफूल सिंह हरियाणा विधानसभा में 20 जुलाई 1967 से 21 नवंबर 1967 तक स्पीकर रहे।
वे पूर्व सीएम स्वर्गीय बंसीलाल के समधी थे। बंसीलाल की बेटी की शादी इनके बड़े बेटे राजेंद्र चाहर के साथ हुई थी।
चौ. मनफूल सिंह ने हमेशा राजनीतिक दलों को बार-बार बदलने की बुरी प्रथा से खुद को दूर रखा। वह 1972 में झज्जर निर्वाचन क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के लिए विधायक भी चुने गए थे।
1968 में पहली बार झज्जर हलके से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनकर विधानसभा में पहुंचे थे। उसी दौरान उन्हें मुख्यमंत्री राव विरेंद्र सिंह की कैबिनेट में हरियाणा विधानसभा का डिप्टी स्पीकर चुना गया था। बाद में स्पीकर का निधन हो जाने के बाद उन्हें 9 माह तक स्पीकर पद पर रहना पड़ा था।
पेशे से अधिवक्ता चौ. मनफूल सिंह बार एसोसिएशन ऑफ रोहतक एंड झज्जर के वरिष्ठ अधिवक्ता थे। नोहर विधानसभा क्षेत्र से 1951-52 में हुए पहले विधानसभा चुनावों में मनफूल सिंह (कांग्रेस) 14610 मत प्राप्त करके प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी सहीराम (निर्दलीय) को 8679 मतों से हराया। उन्होंने 3 नवंबर 2017 को झज्जर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
नोहर के पहले विधायक : मनफूल सिंह चाहर |
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